Chalte Rehte Hain Ki Chalna Hai Musafir Ka Naseeb,
Sochte Rehte Hain Ki Kis Rahguzar Ke Hum Hain.
चलते रहते हैं कि चलना है मुसाफ़िर का नसीब,
सोचते रहते हैं कि किस रहगुज़र के हम हैं।
Zindagi Hai Char Din Ki, Kuchh Na Gila Kijiye,
Davaa, Zehar, Jaam, Ishq, Jo Bhi Mile Mazaa Lijiye.
ज़िंदगी है चार दिन की, कुछ भी न गिला कीजिये,
दवा, ज़हर, जाम, इश्क, जो भी मिले मज़ा लीजिये।
Sar-e-Aam Mujhe Shikayat Hai Zindagi Se,
Kyun Milta Nahi Mijaaz Mera Kisi Se..?
सर-ए-आम मुझे ये शिकायत है ज़िन्दगी से,
क्यूँ मिलता नहीं मिजाज मेरा किसी से..?
Raftar Kuchh Is Kadar Tej Hai Zindagi Ki,
Ki Subah Ka Dard Shaam Ko Purana Lagta Hai.
रफ़्तार कुछ इस कदर तेज़ है ज़िन्दगी की,
कि सुबह का दर्द शाम को पुराना हो जाता है।